BREASTFEEDING के दौरान ध्यान रखने वाली बातें जो आपको पता होनी चाहिए।
माँ बनना एक बहुत ही सूंदर अनुभव होता है। और इस सफ़र की शुरुआत होती है स्तनपान (breastfeeding) से। यह सिर्फ़ बच्चे के पोषण के लिए नहीं , बल्कि माँ और बच्चे बिच गहरा सम्बन्ध बनाने के लिए भी बेहद जरूरी है।
पर क्या आप जानती है के (breastfeeding) के दौरान कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है ?
अगर नहीं , तो चलिए आज इस ब्लॉग में आपको step-by-step बताते है के क्या करें, क्या न करें , कौन -कौन सी सावधानियां रखें , और कुछ FAQs के जवाब भी देते है।
सबसे पहले - स्तनपान का महत्व
breastfeeding से मिलने वाले फ़ायदे :
माँ के दूध में जरुरी पोषक तत्व , एंटीबॉडीज़ और antibodies और immunity-boosting तत्व होते है।
नवजात के पाचन तंत्र के लिए सबसे ठीक होता है।
माँ और बच्चे के बिच भावनात्मक जुड़ाव बनता है।
माँ का वज़न जल्दी घटता है और post-delivery recovery बेहतर होती है।
क्या करें (dos of breastfeeding)
1. समय पर बच्चे को दूध पिलायें
जनम पहले घंटे में ही स्तनपान शुरू करें और हर 2-3 घंटे पर बच्चे को दोष पिलायें।
2 . सही position अपनाएं
बच्चे को गोदी में इस तरह पकडे कि उसका मुँह पूरी तरह nipple को घेरे। इससे बच्चा सही तरह से दूध पी सकेगा और nipple पर दर्द भी नहीं होगा।
3 . खुद की hygiene का ध्यान रखें
स्तनों को हर बार स्तनपान से पहले और बाद में हलके गुनगुने पानी से साफ़ करें। साबुन का ज्यादा प्रयोग न करें।
4 . संतुलित आहार लें
माँ का खानपान बच्चे के पोषण को सीधे प्रभावित करता है। पौष्टिक आहार ले जिसमें हरी सब्ज़ियां , डालें , दूध , घी , फल आदि शामिल हों।
5 . भरपूर पानी पियें
स्तनपान के दौरान शरीर को काफी तरल बहार निकलता है , इस लिए पानी की मात्रा बढ़ाएं। दिन में काम से काम 8-10 गिलास पानी पियें।
6 . आराम करें
नींद पूरी करें और आराम करें। थकान से दूध की मात्रा काम हो सकती है।
क्या न करें ( don'ts of breastfeeding )
1. तनाव न लें
तनाव से दूध की मात्रा काम हो सकती है खुद को रिलेक्स रखें , deep breathing और music सुन्ना मददगार हो सकता है।
2. धूम्रपान और शराब से परहेज़ करें
इनसे माँ के दूध में हानिकारक रस्याण आ सकते है जो बच्चे के स्वास्थ के लिए हानिकारक होते है।
3. दवाई लेने से पहले doctor से सलाह लें
हर दवाई सुरक्षित नहीं होती , खासकर breastfeeding के दौरान। doctor से सलाह लेकर ही दवाई लें।
4. शुरुआती दर्द को नज़रदाज़ न करें
अगर nipple में दर्द जा दरारें है , तो lactation expert से मिलें। कई बार लैच सही न होने से दर्द होता है।
breastfeeding के दौरान सावधानियां साफ-सफाई का पूरा ध्यान दें।
कोई भी घरेलु उपाए या हर्बल दवा बिना सलाह के न लें।
अगर दूध काम आ रहा हो तो ज्यादा पानी पियें और बार बार स्तनपान कराएं।
बच्चे का वज़न समय - समय पर चेक कराएं के वह प्रयाप्त दूध पी रहा है या नहीं।
अगर आपको बुखार , फ्लू या कोई संक्रमण हो तो doctor से सलाह ले लेकिन अधिकतर मामलों में सत्नपान जारी रखा जा सकता है।
my breastfeeding journey
जब मेरा बेटा हुआ तो शुरुआत में मैं बहुत घबराई हुयी थी। मुझे लगा कि शायद मैं दूध नहीं पीला पाउंगी क्योंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था और बच्चा latch नहीं कर प् रहा था।
मेरी सास ने मुझे बताया के शुरुआत में ऐसा होता है। मेने एक लैक्टेशन एक्सपर्ट से बात की इन्होने मेरी स्थिति को समझा और मुझे कुछ tips दिए - जैसे कि baby को tummy-to-tummy पकड़ना , खुद को relax रखना और skin-to-skin contact करना।
धीरे धीरे सब कुछ आसान हो गया। अब मेरा बीटा 6 months का है। और पूरी तरह healthy है। मुझे ख़ुशी है के मैंने हर नहीं मानी।
अक्सर पूछे जाने सवाल (FAQs)
1. स्तनपान कब तक करना चाहिए ?
उत्तर: WHO के अनुसार काम से काम 6 महीने तक केवल माँ का दूध देना चाहिए। इसके बाद भी 2 साल तक दूध के साथ ठोस आहार दिया जा सकता है।
2. क्या breastfeeding से वज़न कम होता है ?
उत्तर : हाँ , स्तनपान से माँ के शरीर की केलोरीज़ तेज़ी से burn होती है जिससे वज़न कम होने में मदद मिलती है।
3. क्या दूध की कमी दूर की जा सकती है ?
उत्तर : हाँ , बार बार दूध पिलाने से supply बढ़ती है। साथ ही hydration ,पोषण और आराम वि जरुरी है।
4. क्या periods आने के बाद दूध कम हो जाता है ?
उत्तर : कुछ मेयो को लगता है पर ज्यादातर मामलों में दूध की मात्रा पर असर नहीं पड़ता।
5. क्या मैं बीमार होने पर भी दूध पीला सकती हूँ ?
उत्तर : हाँ , अधिकतर मामलों में स्तनपान जारी रखा जा सकता है। डॉक्टर से सलाह भी जरूर लें।
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