नवजात शिशु की मालिश कैसे करे। माँ के लिए जरूरी जानकारी
नवजात शिशु की मालिश कैसे करें (step by step guide)
सर से पैर तक की मालिश :
1. सर और माथा : उँगलियों के सिरों से हलके-हलके गोलाई में घूमते हुए मालिश करे.
2. चेहरा : बहुत नरम हाथों से गाल , नाक और थोड़ी की हलकी मालिश करें।
3. छाती और पेट : दोनों हथेलियों से ऊपर से निचे की दिशा में धीरे धीरे रगड़े।
4. हाथ और पैर : एक - एक उंगली से लेकर पैर तक लम्बी स्ट्रोक तक मालिश करे।
5. पीठ : शिशु को पेट के बल लिटाकर रीढ़ की हड्डी के किनारे- किनारे तेल लगाकर निचे से ऊपर की और मालिश करें।
6. पंजे और एड़ियों : हलके दबाव के साथ गोल - गोल घुमाकर मालिश करें।
शिशु से लगातार संवाद बनाये रखें - उससे बातें करे या हलकी धुन में गाना गायें। यह उसे सुकून देगा।
फायदे:
नवजात शिशु की मालिश कब शुरू करें ? सही समय क्या है ?
दिन में मालिश करने का सबसे सही समय
मालिश करने के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित तेल
नारियल तेल (coconut oil) गर्मियों में ठंडक देने वाला।
सरसों का तेल (mustard oil) सर्दियों में गर्माहट देने वाला।
बादाम तेल (almond oil) त्वचा को पोषण देने वाला।
तिल का तेल (sesame oil) हड्डियों के लिए उपयोगी
घी (clarified butter) बेहद ठंडी जगहों के लिए लाभकारी
बाजार में बेचे जाने वाले परफयूम जैसे तेलों से बचे। हमेशा बिना केमिकल वाला तेल चुने।
शिशु की मालिश करते समय क्या करें और क्या न करें ( dos and don'ts)
क्या करें
हर दिन तेय समय पर मालिश करें
तेल को पहले अपने हाथ पर लगाकर test करें।
शिशु से बात करते रहें।
मालिश को प्यार से करें
क्या न करें
मालिश करते वक़्त माता - पिता द्वारा की जाने वाली आम गलतियां
मालिश के बाद क्या करें
मेरी personal स्टोरी। माँ का अनुभव
लेखक के व्यक्तिगत सुझाव : क्यों हर माता - पिता को मालिश को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। मालिश कोई शरीरिक क्रिया नहीं है , यह एक मालिश भावनात्मक जुड़ाव (emotional bonding ) है। यह शिशु को सुरक्षा , सुकून और माँ बाप की मौजूदगी का एहसास कराती है। यह हर माता पिता मालिश को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं , तो शिशु को शरीरिक विकास के साथ साथ मानसिक और भावनात्मिक मज़बूती भी सुरक्षित हो सकती है।
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conclusion
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