नवजात शिशु की सर्दी-जुखाम को कैसे भगाएं ? precaution , remedies , causes

  


जब एक नन्हा शिशु घर आता है , तो उसके साथ ढेर सारी खुशियां और चिंता भी आती है।  सबसे पहली चिंता होती है - शिशु को कही सर्दी जुखाम न हो जाये।  क्योंकि नवजात शिशु की immunity बहुत कमज़ोर होती है , ऐसे में मौसम का थोड़ा सा बदलाव या किसी बीमार व्यक्ति का पास होना भी उन्हें बीमार कर सकता है।  

इस blog में विस्तार से जानेगे :

* नवजात शिशु को जुखाम क्यों होता है ?

* इसके लक्षण क्या है ? 

* घरेलू उपाए और बचाव क्या है ? 

* क्या करें और क्या न करें ? 

How to get rid of cold and flu in a newborn



नवजात शिशु को सर्दी - जुखाम क्यों होता है ? 

मौसम का बदलना - सर्दी का मौसम ,अचानक गर्मी से ठंडी में बदलाव , या नमी वाली जगहें शिशु को बीमार कर सकती है।  

बीमार लोगों के सम्प्रक में आना - अगर कोई व्यक्ति जुखाम / खांसी से पीड़ित है और वह शिशु के पास आता है , तो virus शिशु में भी जा सकता है।  

धूल धुआँ और प्रदूषण - वायु प्रदूषण और घर की धूल भी शिशु के साँस लेने में परेशानी ला सकती है।  

अत्यदिक ठंडी जा गर्म हवा - शिशु का शरीर तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता ,जिससे वह जल्दी बीमार हो जाते है। 

नवजात शिशु में सर्दी जुखाम के लक्षण नाक बहना जा बंद हो जाना 

छींके आना 

हलकी खाँसी 

दोष पिने में परेशानी 

नींद में परेशानी 

कभी कभी हल्का बुखार 

चिड़चिड़ापन और रोना 

ध्यान दें यदि बुखार 100.4°F  (38°C) से अधिक हो , या शिशु दोष पीना पूरी तरह छोड़ दे , तो doctor से तुरंत सम्प्रक करें। 

नवजात शिशु की सर्दी - जुखाम के घरेलू उपाय 

1. भाप (steam therapy )
एक बाल्टी या भाप मशीन से कमरे में भाप दे 
शिशु को direct भाप न दे , बल्कि कमरे का तापमान गर्म रखें।  

2. सरसों के तेल से मालिश 
सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन गर्म कर लें।  
ठंडा करके हलके हाथों से शिशु की शांति , पीठ और तलवो पर मालिश करें।  

3. गर्म कपडे पहनाएं 
शिशु को कपड़ों की कई परतों में न लपेटे , बल्कि हलके मगर गर्म कपडे पहनाएं। 
सिर और पांव को ढकना न भूलें। 

4.  नाक की सफाई 
डॉक्टर दुयारा बताई गयी नार्मल सलाइन ड्रॉप्स से नाक की सफाई करें।  
इस से शिशु को साँस लेने में आसानी होती है।  

5.  दूध पिलाना बंद न करें 
माँ का दूध सबसे अच्छी दवा है।  इससे शिशु को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। 

क्या करें - क्या न करें 

क्या करें : 

घर को साफ और धूल मुक्त रखें। 

शिशु को गर्म वातावरण में रखें लेकिन बहुत गर्म नहीं।  

घर में धुप आने दें जिससे संक्रमण के कीटाणु मरें। 

माँ भी हल्दी - दूध का काढ़ा पे सकती है। जिससे दूध में पोषण पहुंचे।  

क्या न करें 

शिशु को भीड़भाड़ या बीमार लोगों के पास न लें जाएँ।  

पंखें / ऐसी की हवा सीधे शिशु पर न पड़ने दें।  

घरेलु नुस्खों में कोई भी चीज़ (जैसे शहद ) सीधे शिशु को न दें।  

बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें।  


सावधानियां 

हाथ धोकर शिशु को छुएं। 

रोज़ शिशु के कपडे बदलिए और गुनगुने पानी से साफ कीजिये।  

यदि शिशु को तीन दिन से खांसी बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।  

अगर आप खुद बीमार हो तो मास्क लगा कर बच्चे को छुएं। 

मेरे बच्चे की पहली सर्दी 


मेने अपने बेटे को नवंबर की ठंडी शाम को जन्म दिया। सब कुछ ठीक चल रहा था।  लेकिन जब वो सिर्फ 12 दिन का था , तब उसकी नाक बहने लगी , और वो दूध पीना बंद कर दिया।  

मै बहुत डर गयी थी। पापा ने कहा क हस्पताल चलते है , लेकिन डॉक्टर ने बताया के ये मौसम बदलने के कारन है। उन्होंने सलाइन ड्रॉप्स  दिए और कहा के माँ का दूध बंद न करें।  

मैं ने तब से तेल में अजवायन लहसुन मिलाकर उसकी छाती पर हलकी - हलकी मालिश शुरू की। और कमरे में हलकी गर्माहट बनाई रखी। रोज़ गर्म पानी में उसके कपडे धोती हूँ और सूखा कपडा पहनाती।

सिर्फ तीन दिन में ही सुधर आ गया। और हर बदलते मौसम में मैं वही उपाय करती हूँ। 
डॉक्टर के निर्देश के अनुसार सर्दी - जुखाम से लड़ने के सबसे अव्छा तरीका रहा।  

कुछ सुझाव 

शिशु के पास धुप में बैठे ( कम समय के लिए ) जिससे Vitamin D मिले। 

माँ की डाइट में तुलसी , अदरक , हल्दी शामिल करे. ( शिशु तक पोषण पहुंचेगा) 

घर में प्याज़ के टुकड़े रख सकते है जिससे वातावरण शुद्ध रहता है।  

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1 . क्या नवजात को सर्दी में बाहर ले जा सकते है ? 

हाँ , पर बहुत जरूरी होने पर और पुरे कपड़ों में ढक के ही ले जाएँ।  ठंडी हवा सीधे न लगे। 

2 . क्या नवजात को शहद दे सकते है रात में ?

नहीं ,एक साल से पहले शहद नहीं देना चाहिए , इससे बोटुलिज़्म नामक हम्बीर बीमारी हो सकती है।  

3. क्या गर्म पानी से भाप देना सुरक्षित है ? 

सीधे नहीं।  कमरे में भाप का वतावरण सकते है, लेकिन शिशु को धुर रखें।  

4. नवजात शिशु को AC में रख सकते है ? 

हाँ , लेकिन तापमान 24-26°C के बिच रखें , और direct हवा शिशु पर न पड़ें।  


conclusion 

नवजात शिशु की देखभाल एक जिम्मेदारी भरा काम है। सर्दी-जुखाम जैसी साधारण बीमारियां भी अगर समय पर ठीक न की जाएँ , तो गंभीर रूप ले सकती है। लेकिन घबराने की बजाय समझदारी और समय से काम लें।  

नियमित सफाई 

माँ का दूध 

घरेलू उपाय 

डॉक्टर की सलाह - यही है उस नही जीवन की सबसे बड़ी सुरक्षा। 

अगर आपको ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया अन्य माताओं तक पहुँचाएँ। कोई सवाल हो तो निचे कमेंट में पूछ सकते है - माओं की यह छोटी सी मदद कई नन्हे जीवन को सुरक्षित बना सकती है। 













  
















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